सफलता का जन्म आपकी सोच से होता है
लेखक: यतेंद्र सिंह
अपने जीवन में सफल होने के लिए आपको पहले अपनी सोच को समझना होगा कि आप क्या सोचते हैं अपने बारे में अपनी उपलब्धियों के बारे में इस जहां के बारे में अपने आसपास के बारे में आपका नजरिया किस तरीके का है आप चीजों को किस नजरिए से देखते हैं आप लोगों को किस नजरिए से देखते हैं आप कि मायने में सफलता क्या है आप कब मानेंगे कि मैं एक सफल हूं सफलता के मायने अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होते हैं जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है लेकिन उसे यह नहीं पता होता है कि उसे सफलता हासिल कैसे हो उसने कभी खुद से यही नहीं पूछा कि उसके लिए सफलता है क्या वह जीवन में क्या चाहता है
सफलता वह है जो आपकी सोच को संतुष्ट करें जैसे अगर मैं धनी व्यक्ति बनना चाहता हूं और यह मेरी सोच है तो मुझे सफलता तब हासिल होगी जब मैं धनी व्यक्ति बन जाओ अब मुझे वह कार्य सफल बनाएंगे जो मुझे धनी व्यक्ति बनाएं इसलिए सबसे पहले मुझे यह सोचता है कि मुझे करना क्या है मैं चाहता क्या हूं खुद से इस समाज से मैं क्या चाहता हूं यह सोचने के बाद आपको यह निर्धारित करना है कि मैं इस लक्ष्य को कैसे प्राप्त कर सकता हूं
जैसे अगर आप दसवीं क्लास के छात्र हैं और आप परीक्षा में अच्छे अंकों से पास होना चाहते हैं तो यह आपकी एक इच्छा है यह आपका एक लक्ष्य है यह आप चाहते हैं कि आप दसवीं कक्षा में अच्छे अंको से पास हो अब आपको सोचना यह है कि आप यह कार्य कैसे करें जिससे कि आपको सफलता प्राप्त हो अपनी क्षमताओं को अच्छे से पढ़ के जैसे एक कम ताकतवर इंसान एक बहुत ताकतवर इंसान से लड़ नहीं सकता अब वह अपना लक्ष्य निर्धारित कर ले कि मैं एक पहलवान को हरा दो तो यह शायद असंभव ना हो लेकिन मुश्किल बहुत हो सकता है इसलिए सबसे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करें
जो आपकी क्षमताओं के अनुसार हो एक और उदाहरण बताता हूं जैसे कोई व्यक्ति यह सोचे कि मैं पहाड़ को उठाना चाहता हूं मैं इस पहाड़ को हटाना चाहता हूं यह लक्ष्य सुनने में भी अटपटा है लेकिन उसकी सोच को सम्मान करने के लिए हम यह मान लेते हैं कि यह संभव है वह कर सकता है लेकिन उसने यह लक्ष्य निर्धारित करने से पहले यह नहीं सोचा कि उसकी क्षमताएं क्या है क्योंकि एक बड़े धनी व्यक्ति के लिए जिसके पास आधुनिक मशीनरी है अत्यधिक श्रम क्षमताएं हैं उसके लिए यह कार्य बहुत ही कठिन बहुत ही नहीं लेकिन संभव है लेकिन एक आम आदमी के लिए एक सामान्य आदमी के लिए यह कार्य लगभग असंभव है वह किसी पहाड़ को एक जगह से हटा नहीं सकता है
ऐसा करने से आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता अगर आपने जैसा जैसा सोचा है वैसा वैसा आपने किया तो आपको वही मिलेगा जैसा आपने सोचा है क्योंकि इस जहान में जो कुछ मिलता है वह कर्म करने से मिलता है सोचने से नहीं मिलता इसलिए दोस्तों सोचिए और फिर करिए और तब तक करिए जब तक कि आपको आपके द्वारा निर्धारित किया हुआ लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए
आज के लिए बस इतना ही फिर लेकर आऊंगा आपके लिए एक और प्रेरणादायक लेख
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